4605.*पूर्णिका*
4605.*पूर्णिका*
🌷 लोग यहाँ कद देखते 🌷
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लोग यहाँ कद देखते।
लोग यहाँ हद देखते।।
ये दुनिया कैसी लगी ।
लोग यहाँ जद देखते ।।
अपना तो मन बावरा।
लोग यहाँ मद देखते।।
बहती धारा प्यार की।
लोग यहाँ नद देखते।।
करते खेदू नेकिया ।
लोग यहाँ रद देखते।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
10-10-2024 गुरुवार