4597.*पूर्णिका*
4597.*पूर्णिका*
🌷 खुद से बातें करते 🌷
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खुद से बातें करते।
खुद सौगातें करते।।
दिन बीते रीत यहाँ ।
रंगी रातें करते।।
चीजें भूल गए सब।
न मुलाकातें करते।।
कुछ भी परवाह नहीं ।
बस औकातें करते।।
दुनिया अपनी खेदू।
मस्त हालातें करते।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
09-10-2024 बुधवार