Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2024 · 1 min read

4577.*पूर्णिका*

4577.*पूर्णिका*
🌷 मिलती है सब कुछ चाहने की बात है 🌷
22 22 2212 2212
मिलती है सब कुछ चाहने की बात है ।
खिलते मन कलियाँ चाहने की बात है ।।
देखो रहती हरदम जहाँ मस्त जिंदगी।
बस दिल से सच में चाहने की बात है ।।
प्यार यहाँ रंगे रंग सुंदर घोलते।
रंग निराला यूं चाहने की बात है ।।
दुनिया कहती गम भी नहीं होती खुशी।
देख शुकून यारा चाहने की बात है ।।
मंजिल अपनी खेदू यहाँ पग चूमती।
वक्त अपना साथी चाहने की बात है ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
08-10-2024 मंगलवार

13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भौतिक युग की सम्पदा,
भौतिक युग की सम्पदा,
sushil sarna
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
..........?
..........?
शेखर सिंह
तिरा चेहरा भी रुखसत हो रहा है जहन से,
तिरा चेहरा भी रुखसत हो रहा है जहन से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4182💐 *पूर्णिका* 💐
4182💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
We Would Be Connected Actually
We Would Be Connected Actually
Manisha Manjari
यूं ही कुछ लिख दिया था।
यूं ही कुछ लिख दिया था।
Taj Mohammad
मन
मन
Neelam Sharma
*रिश्ते भैया दूज के, सबसे अधिक पवित्र (कुंडलिया)*
*रिश्ते भैया दूज के, सबसे अधिक पवित्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
Harminder Kaur
A mans character on social media.
A mans character on social media.
पूर्वार्थ
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
भवेश
"एक उम्र के बाद"
Dr. Kishan tandon kranti
"राज़-ए-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
चुनाव 2024
चुनाव 2024
Bodhisatva kastooriya
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
Dr fauzia Naseem shad
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
Ravi Betulwala
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
SHAMA PARVEEN
घाव बहुत पुराना है
घाव बहुत पुराना है
Atul "Krishn"
पुरुष प्रधान समाज को गालियां देते हैं
पुरुष प्रधान समाज को गालियां देते हैं
Sonam Puneet Dubey
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
Nitesh Chauhan
''हसीन लम्हों के ख्वाब सजा कर रखें हैं मैंने
''हसीन लम्हों के ख्वाब सजा कर रखें हैं मैंने
शिव प्रताप लोधी
"झूठे लोग "
Yogendra Chaturwedi
O CLOUD !
O CLOUD !
SURYA PRAKASH SHARMA
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
छटपटाता रहता है आम इंसान
छटपटाता रहता है आम इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
यादें
यादें
Dipak Kumar "Girja"
कलश चांदनी सिर पर छाया
कलश चांदनी सिर पर छाया
Suryakant Dwivedi
Loading...