Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2024 · 1 min read

4546.*पूर्णिका*

4546.*पूर्णिका*
🌷 तेरी खामोशी बता जाती 🌷
22 22 212 22
तेरी खामोशी बता जाती ।
देख फरोशी बता जाती ।।
उपहार जहाँ जिंदगी अपनी।
दिल से सरगोशी बता जाती ।।
हरदम खिलती महकती बगियां ।
कलियां आगोशी बता जाती ।।
पागल जिसके प्यार में रहते।
होशी बेहोशी बता जाती।।
दुनिया का क्या रंग है खेदू।
दास्तान बदोशी बता जाती ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
05-10-2024 शनिवार

27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
24/236. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/236. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
आज़ाद हूं मैं
आज़ाद हूं मैं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मेरी पहली चाहत था तू
मेरी पहली चाहत था तू
Dr Manju Saini
#देसी ग़ज़ल
#देसी ग़ज़ल
*प्रणय*
"सूरत और सीरत"
Dr. Kishan tandon kranti
********* प्रेम मुक्तक *********
********* प्रेम मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"आंखों के पानी से हार जाता हूँ ll
पूर्वार्थ
उम्मीद की नाव
उम्मीद की नाव
Karuna Goswami
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
रौनक़े  कम  नहीं  है  चाहत  की,
रौनक़े कम नहीं है चाहत की,
Dr fauzia Naseem shad
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
मन हमेशा एक यात्रा में रहा
Rituraj shivem verma
वक्त हो बुरा तो …
वक्त हो बुरा तो …
sushil sarna
Story of homo sapient
Story of homo sapient
Shashi Mahajan
वगिया है पुरखों की याद🙏
वगिया है पुरखों की याद🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बेजुबान और कसाई
बेजुबान और कसाई
मनोज कर्ण
मौत बाटे अटल
मौत बाटे अटल
आकाश महेशपुरी
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
पल
पल
Sangeeta Beniwal
बहुत तरासती है यह दुनिया जौहरी की तरह
बहुत तरासती है यह दुनिया जौहरी की तरह
VINOD CHAUHAN
रोशनी से तेरी वहां चांद  रूठा बैठा है
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
Virendra kumar
ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ओसमणी साहू 'ओश'
सूरज
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
प्रदाता
प्रदाता
Dinesh Kumar Gangwar
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
! विकसित भारत !!
! विकसित भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
रंग बिरंगी दुनिया होती हैं।
रंग बिरंगी दुनिया होती हैं।
Neeraj Agarwal
Loading...