4545.*पूर्णिका*
4545.*पूर्णिका*
🌷 अपनी कमी दूर करते 🌷
2212 2122
अपनी कमी दूर करते।
मारा न मजबूर करते ।।
जीते यहाँ शान से हम ।
कुछ न सजन गुरूर करते ।।
पूरे जहाँ ख्वाब अपना।
एब चकनाचूर करते।।
कैसे यहाँ आज मसला।
बस देख बेनूर करते ।।
जाने कहाँ नेक खेदू।
ना घाव नासूर करते।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
05-10-2024 शनिवार