4540.*पूर्णिका*
4540.*पूर्णिका*
🌷 जीना नहीं आया तुझे 🌷
2212 2212
जीना नहीं आया तुझे।
मीना नहीं आया तुझे।।
खाते यहाँ क्या क्या नहीं ।
पीना नहीं आया तुझे।।
लाचार है बेबस यहाँ ।
हीना नहीं आया तुझे ।।
रास्ता अलग वास्ता अलग।
रीना नहीं आया तुझे।।
बैठे रहे खेदू कहाँ ।
लीना नहीं आया तुझे।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
04-10-2024 शुक्रवार