4505.*पूर्णिका*
4505.*पूर्णिका*
🌷 देखो खुद को बदल कर 🌷
22 22 212
देखो खुद को बदल कर ।
परखो मन को बदल कर ।।
महके हरदम जिंदगी।
समझो सब को बदल कर ।।
साथी है सुख और दुख।
बदले जग को बदल कर ।।
कांटे फूल बने यहाँ ।
सुंदर वक्त को बदल कर ।।
दामन खेदू मस्त यहाँ ।
थामे दिल को बदल कर ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
01-10-2024 मंगलवार