Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2024 · 1 min read

4503.*पूर्णिका*

4503.*पूर्णिका*
🌷 कैसे कहे बात अपनी 🌷
2212 2122
कैसे कहें बात अपनी।
कैसे रखे बात अपनी।।
ये जिंदगी रंग बदले ।
कैसे लिखें बात अपनी।।
बहती नदी रोज धारा ।
कैसे बहे बात अपनी।।
पीड़ा यहाँ कौन जाने।
कैसे सहे बात अपनी।।
देखो चढ़े शान खेदू।
आगे बढ़े बात अपनी।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
01-10-2024 मंगलवार

43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तेरे ना होने का,
तेरे ना होने का,
हिमांशु Kulshrestha
मुझसे देखी न गई तकलीफ़,
मुझसे देखी न गई तकलीफ़,
पूर्वार्थ
श्री गणेश का अर्थ
श्री गणेश का अर्थ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चिंतन का विषय अशिक्षा की पीड़ा,, बेटा बचाओ
चिंतन का विषय अशिक्षा की पीड़ा,, बेटा बचाओ
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*मंडलीय गजेटियर में रामपुर के शीर्ष व्यक्तित्वों का व
*मंडलीय गजेटियर में रामपुर के शीर्ष व्यक्तित्वों का व
Ravi Prakash
मुर्दे लोकतंत्र में
मुर्दे लोकतंत्र में
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
आत्म मंथन
आत्म मंथन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
खिलते हरसिंगार
खिलते हरसिंगार
surenderpal vaidya
3831.💐 *पूर्णिका* 💐
3831.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
चुनाव
चुनाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अश्रु की भाषा
अश्रु की भाषा
Shyam Sundar Subramanian
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
Manoj Mahato
दोहा त्रयी. . . . शृंगार
दोहा त्रयी. . . . शृंगार
sushil sarna
अब भी देश में ईमानदार हैं
अब भी देश में ईमानदार हैं
Dhirendra Singh
ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है
ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है
Bhupendra Rawat
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
तू मेरे ख्वाब में एक रात को भी आती अगर
Phool gufran
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
Kalamkash
आया होली पर्व
आया होली पर्व
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बंधन
बंधन
Sanjeev Chandorkar
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
मां शारदा की वंदना
मां शारदा की वंदना
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कुछ इस तरह से खेला
कुछ इस तरह से खेला
Dheerja Sharma
।।
।।
*प्रणय*
कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी
कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
असहिं का वृद्ध लो के होई दुरगतिया
असहिं का वृद्ध लो के होई दुरगतिया
आकाश महेशपुरी
मुक्तक – शादी या बर्बादी
मुक्तक – शादी या बर्बादी
Sonam Puneet Dubey
दिलकश नज़ारा
दिलकश नज़ारा
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
Kumar lalit
प्रेम की अनुभूति
प्रेम की अनुभूति
Abhishek Rajhans
Loading...