4454.*पूर्णिका*
4454.*पूर्णिका*
🌷 मानो बात हमारी🌷
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मानो बात हमारी ।
जीतो दुनिया सारी।।
खुशियाँ ही खुशियाँ बस ।
यूं समझ जिम्मेदारी ।।
बदले हालात यहाँ ।
हल सच समस्या सारी ।।
नेक जहाँ सोच रखें ।
भागे दूर लचारी ।।
देख मरम क्या खेदू ।
सुख में दुख सुखकारी ।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
26-09-2024 गुरुवार