Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2024 · 1 min read

4434.*पूर्णिका*

4434.*पूर्णिका*
🌷 जीवन में कुछ होता है🌷
22 22 22 2
जीवन में जो कुछ होता है ।
दुनिया में वो कुछ होता है ।।
कलियाँ गाती जब खिलके।
बगियां में वो कुछ होता है ।।
कश्तियाँ देखो साहिल भी।
दरिया में वो कुछ होता है ।।
बहता पानी जीवन के।
नदियाँ में वो कुछ होता है ।।
भगवान बिराजे खेदू।
जरिया में वो कुछ होता है ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
24-09-2024 मंगलवार

44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
मुझे ‘शराफ़त’ के तराजू पर न तोला जाए
Keshav kishor Kumar
सबसे क़ीमती क्या है....
सबसे क़ीमती क्या है....
Vivek Mishra
#त्वरित_टिप्पणी
#त्वरित_टिप्पणी
*प्रणय प्रभात*
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
NeelPadam
NeelPadam
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
Anand Kumar
आईना
आईना
Sûrëkhâ
*जिंदगी के अनोखे रंग*
*जिंदगी के अनोखे रंग*
Harminder Kaur
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आज का युग ऐसा है...
आज का युग ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
मैं उस बस्ती में ठहरी हूँ जहाँ पर..
मैं उस बस्ती में ठहरी हूँ जहाँ पर..
Shweta Soni
Pollution & Mental Health
Pollution & Mental Health
Tushar Jagawat
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल _ कहाँ है वोह शायर, जो हदों में ही जकड़ जाये !
ग़ज़ल _ कहाँ है वोह शायर, जो हदों में ही जकड़ जाये !
Neelofar Khan
आज की इस भागमभाग और चकाचौंध भरे इस दौर में,
आज की इस भागमभाग और चकाचौंध भरे इस दौर में,
पूर्वार्थ
वही हसरतें वही रंजिशे ना ही दर्द_ए_दिल में कोई कमी हुई
वही हसरतें वही रंजिशे ना ही दर्द_ए_दिल में कोई कमी हुई
शेखर सिंह
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
पंकज परिंदा
*कुकर्मी पुजारी*
*कुकर्मी पुजारी*
Dushyant Kumar
इज़्ज़त पर यूँ आन पड़ी थी
इज़्ज़त पर यूँ आन पड़ी थी
अरशद रसूल बदायूंनी
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
कवि रमेशराज
"The Deity in Red"
Manisha Manjari
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
विचार
विचार
Godambari Negi
"कैसा जमाना आया "
Dr. Kishan tandon kranti
रास्तों पर चलने वालों को ही,
रास्तों पर चलने वालों को ही,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
🚩🚩
🚩🚩 "पं बृजेश कुमार नायक" का परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जो हैं आज अपनें..
जो हैं आज अपनें..
Srishty Bansal
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
Dr Archana Gupta
Loading...