4430.*पूर्णिका*
4430.*पूर्णिका*
🌷 साथी संग चलने लगे🌷
22 212 212
साथी संग चलने लगे।
दुनिया दंग चलने लगे।।
बदले जिंदगी जिंदगी।
मस्त है ढंग चलने लगे।।
देखो हार है जीत है ।
कैसी जंग चलने लगे।।
हालत भी नहीं क्या सही ।
अपने अंग चलने लगे।।
सोते जाग खेदू यहाँ ।
करके भंग चलने लगे।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
24-09-2024 मंगलवार