4424.*पूर्णिका*
4424.*पूर्णिका*
🌷 दिल लगाना नहीं आया🌷
212 212 22
दिल लगाना नहीं आया ।
मन बनाना नहीं आया ।।
उजड़ते जिंदगी देखो।
घर सजाना नहीं आया।।
बदलते हम कहाँ साथी ।
पथ बताना नहीं आया ।।
भाग्यशाली बने रहना ।
डग बढ़ाना नहीं आया।।
रख यकीं सच यहाँ खेदू।
धन कमाना नहीं आया ।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
23-09-2024 सोमवार