4401.*पूर्णिका*
4401.*पूर्णिका*
🌷 दिल के भाव पढ़ जाते🌷
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दिल के भाव पढ़ जाते।
चलती नाव पढ़ जाते ।।
बदले जिंदगी सच में ।
लगते दांव पढ़ जाते ।।
पीछे भागती दुनिया ।
कौआ कांव पढ़ जाते ।।
मंजिल मिलती देखो।
बढ़ते पांव पढ़ जाते ।।
रहते मस्त यहाँ खेदू।
सबके चाव पढ़ जाते ।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
21-09-2024 शनिवार