4400.*पूर्णिका*
4400.*पूर्णिका*
🌷 हमदम क्या समझे🌷
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हमदम क्या समझे।
जानम क्या समझे।।
मुहब्बत है तुमसे।
नफरत क्या समझे।।
चाहा साथ यहाँ ।
फितरत क्या समझे।।
महके दुनिया भी ।
नुसरत क्या समझे।।
बढ़ते जीवन मस्त।
कसरत क्या समझे।।
हाथ धरे खेदू।
हसरत क्या समझे।।
…..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
20-09-2024 शुक्रवार