Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2024 · 1 min read

4392.*पूर्णिका*

4392.*पूर्णिका*
🌷 आज तुम खूबसूरत लगे🌷
212 212 212
आज तुम खूबसूरत लगे।
सांस यूं खूबसूरत लगे।।
महकती है यहाँ जिंदगी।
चाह भी खूबसूरत लगे।।
हँसते रोज गाते जहाँ ।
राह जब खूबसूरत लगे ।।
देख पागल हुए प्यार में ।
साथ सच खूबसूरत लगे।।
बदलते सोच खेदू खुशी।
गम यहाँ खूबसूरत लगे।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
20-09-2024 शुक्रवार

55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
यूँही चलते है कदम बेहिसाब
Vaishaligoel
शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧
शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧
©️ दामिनी नारायण सिंह
..
..
*प्रणय*
"मुस्कान की भाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
अधूरा इश्क़
अधूरा इश्क़
Dipak Kumar "Girja"
वर्षा रानी
वर्षा रानी
Ranjeet kumar patre
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
मेरी खुशियों की दिवाली हो तुम।
मेरी खुशियों की दिवाली हो तुम।
Rj Anand Prajapati
कभी सोच है कि खुद को क्या पसन्द
कभी सोच है कि खुद को क्या पसन्द
पूर्वार्थ
सत्य से विलग न ईश्वर है
सत्य से विलग न ईश्वर है
Udaya Narayan Singh
3538.💐 *पूर्णिका* 💐
3538.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ध्यान एकत्र
ध्यान एकत्र
शेखर सिंह
संवेदना
संवेदना
Shama Parveen
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
Sunil Suman
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
जहर मिटा लो दर्शन कर के नागेश्वर भगवान के।
सत्य कुमार प्रेमी
1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
भूगोल के हिसाब से दुनिया गोल हो सकती है,
भूगोल के हिसाब से दुनिया गोल हो सकती है,
P S Dhami
चली ये कैसी हवाएं...?
चली ये कैसी हवाएं...?
Priya princess panwar
गैरों से जायदा इंसान ,
गैरों से जायदा इंसान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सुप्रभात प्रिय..👏👏
सुप्रभात प्रिय..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
जीवन में कोई मुकाम हासिल न कर सके,
जीवन में कोई मुकाम हासिल न कर सके,
Ajit Kumar "Karn"
तू इतनी चुप जो हो गई है,
तू इतनी चुप जो हो गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
କଳା ସଂସ୍କୃତି ଓ ପରମ୍ପରା
କଳା ସଂସ୍କୃତି ଓ ପରମ୍ପରା
Bidyadhar Mantry
उत्कर्ष
उत्कर्ष
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
सोच
सोच
Sûrëkhâ
*किताब*
*किताब*
Dushyant Kumar
*मानपत्रों से सजा मत देखना उद्गार में (हिंदी गजल/
*मानपत्रों से सजा मत देखना उद्गार में (हिंदी गजल/
Ravi Prakash
Loading...