4373.*पूर्णिका*
4373.*पूर्णिका*
🌷 जिंदगी बदलती रहती🌷
212 212 22
जिंदगी बदलती रहती।
जिंदगी मचलती रहती ।।
पार होती जहाँ दरिया।
जिंदगी सजलती रहती ।।
साथ रहती यहाँ दुनिया।
जिंदगी न खलती रहती ।।
मौत भी देख के चलते।
जिंदगी न पलती रहती।।
ये जमाना कहे खेदू।
जिंदगी संभलती रहती।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
19-09-2024 गुरुवार