4372.*पूर्णिका*
4372.*पूर्णिका*
🌷 जिंदगी हसीन है पर किसकी🌷
2121 2122 22
जिंदगी हसीन है पर किसकी।
खुद यहाँ यकीन है पर किसकी।।
हँसते हुए हमें कहते सब ।
देख नाजनीन है पर किसकी।।
नजर नजर कौन रखते नजरें ।
चीज कुछ महीन है पर किसकी।।
हार जीत दांव के ही दुनिया ।
जंग रंगहीन है पर किसकी।।
यार प्यार जब करें हम खेदू।
बंदगी विलीन है पर किसकी।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
19-09-2024 गुरुवार