4371.*पूर्णिका*
4371.*पूर्णिका*
🌷 मौसम जैसा भी हो ढ़ल जाते हम🌷
22 22 22 22 22
मौसम जैसा भी हो ढ़ल जाते हम।
जीवन कैसा भी हो ढ़ल जाते हम ।।
करते रोज मस्ती सुंदर देख हस्ती।
ये वक्त कैसा भी हो ढ़ल जाते हम ।।
मिलता है सब कुछ दुनिया में हमको।
मौका कैसा भी हो ढ़ल जाते हम ।।
कितने सुंदर है सूरज चांद यहाँ ।
दामन कैसा भी हो ढ़ल जाते हम ।।
खुशियाँ लेकर आये खेदू दिल से।
साजन कैसा भी हो ढ़ल जाते हम ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
19-09-2024 गुरुवार