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19 Sep 2024 · 1 min read

4370.*पूर्णिका*

4370.*पूर्णिका*
🌷 *नजरें बदले नजारें *🌷
22 22 22
नजरें बदले नजारें।
सुन ले मेरे प्यारे।।
रखते जो देख यकीं ।
चमके भाग्य सितारें ।।
वक्त के साथ चले हम ।
रहते साथ सहारें ।।
करते परवाह जहाँ ।
हरदम सोच निखारें।।
मिलती खेदू मंजिल ।
लगती पार किनारें ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
19-09-2024 गुरुवार

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