4364.*पूर्णिका*
4364.*पूर्णिका*
🌷 देख कैसे चलते हम🌷
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देख कैसे चलते हम।
नेक कैसे चलते हम ।।
मस्त यहाँ रहना हो तो ।
सीख कैसे चलते हम ।।
फूल से बगियां महके ।
रोज कैसे चलते हम ।।
हँसते ना रोते भी ।
सोच कैसे चलते हम ।।
गम नहीं कुछ भी खेदू।
सहर्ष कैसे चलते हम ।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
18-09-2024 बुधवार