4358.*पूर्णिका*
4358.*पूर्णिका*
🌷 हमसे दूरी कैसी🌷
22 22 22
हमसे दूरी कैसी।
यूं मजबूरी कैसी।।
छोड़ हिचक जो है ।
फिर बेनूरी कैसी।।
बनती तकदीर जहाँ ।
रोज हुजूरी कैसी ।।
ना बदले सोच यहाँ ।
दे मंजूरी कैसी।।
थामे दामन खेदू।
चाह अधूरी कैसी ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
17-09-2024 मंगलवार