Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

4340.*पूर्णिका*

4340.*पूर्णिका*
🌷 वक्त के साथ ढ़लना पड़ा🌷
22 22 1212
वक्त के साथ ढ़लना पड़ा ।
पकड़े हाथ चलना पड़ा ।।

बदले अरमान जिंदगी।
खुद ही पत्थर गलना पड़ा ।।

दुनिया की बात समझ के।
सच में दाल दलना पड़ा ।।

ये अंधेरा मिटे यहाँ ।
बनके दीप जलना पड़ा ।।

यूं खेदू शान भी बढ़े।
मन को भी मचलना पड़ा ।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
15-09-2024 रविवार

38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एकाकीपन
एकाकीपन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अ आ
अ आ
*प्रणय*
"You can still be the person you want to be, my love. Mistak
पूर्वार्थ
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
बसंत
बसंत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
23/215. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/215. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे कृष्णा
हे कृष्णा
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
कवि रमेशराज
फितरत
फितरत
Akshay patel
"लिख सको तो"
Dr. Kishan tandon kranti
“लिखते कुछ कम हैं”
“लिखते कुछ कम हैं”
DrLakshman Jha Parimal
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
Neelofar Khan
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
आनंद प्रवीण
घाव वो फूल है…..
घाव वो फूल है…..
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
सरस्वती वंदना-4
सरस्वती वंदना-4
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कुर्सी मिलते ही हुआ,
कुर्सी मिलते ही हुआ,
sushil sarna
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
Neeraj Agarwal
किताब में किसी खुशबू सा मुझे रख लेना
किताब में किसी खुशबू सा मुझे रख लेना
Shweta Soni
दिनकर तुम शांत हो
दिनकर तुम शांत हो
भरत कुमार सोलंकी
बोल उठी वेदना
बोल उठी वेदना
नूरफातिमा खातून नूरी
It was separation
It was separation
VINOD CHAUHAN
अल्फ़ाज़ हमारे”
अल्फ़ाज़ हमारे”
Yogendra Chaturwedi
नाकाम किस्मत( कविता)
नाकाम किस्मत( कविता)
Monika Yadav (Rachina)
ज़िन्दगी की बोझ यूँ ही उठाते रहेंगे हम,
ज़िन्दगी की बोझ यूँ ही उठाते रहेंगे हम,
Anand Kumar
...,,,,
...,,,,
शेखर सिंह
"चार पैरों वाला मेरा यार"
Lohit Tamta
*साठ के दशक में किले की सैर (संस्मरण)*
*साठ के दशक में किले की सैर (संस्मरण)*
Ravi Prakash
दिव्य-दोहे
दिव्य-दोहे
Ramswaroop Dinkar
Loading...