4339.*पूर्णिका*
4339.*पूर्णिका*
🌷 आखिरकार झुकना पड़ा🌷
22 22 1212
आखिरकार झुकना पड़ा ।
करते प्यार झुकना पड़ा ।।
तू अपनी देख जिंदगी।
यूं लाचार झुकना पड़ा ।।
जनता कहती करें भला।
सच आधार झुकना पड़ा ।।
खुशियाँ मिलती कभी कभी।
मस्त संसार झुकना पड़ा ।।
दामन खेदू थमे रहे।
ले अधिकार झुकना पड़ा ।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
15-09-2024 रविवार