4333.*पूर्णिका*
4333.*पूर्णिका*
🌷 साथ हम रहने लगे🌷
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साथ हम रहने लगे ।
साथ हम कहने लगे।।
जिंदगी देखो नदी ।
धार हम बहने लगे ।।
चमकते तारे यहाँ ।
आज हम गहने लगे।।
यूं हमें मंजिल मिली ।
दरद जो सहने लगे।।
नेक दिल खेदू जहाँ ।
महल भी ढ़हने लगे।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
14-09-2024 शनिवार
हिन्दी दिवस