Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

42…Mutdaarik musamman saalim

42…Mutdaarik musamman saalim
faa’ilun faa’ilun faa’ilun faa’ilun::212 212 212 212
मै परेशानी वाकई सबब रखता हूं
तेरी यादों को रोशन गजब रखता हूं
@
सिर्फ शामिल मेरे ख्याल में तू अभी
तुझ से होके जुदा खुद को कब रखता हूँ
@
मै नहीं जाता मंदिर शिवालय कभी
बस हिफाजत छिपा अपना रब रखता हूं
#
बस पता जान मैंने तुझे खत लिखा
खत को लिखने पुराना सा ढब रखता हूं
#
तुझ को पाने की चाहत भी नाकाम थी
तुम गिनो यूँ गणित मै खरब रखता हूँ
#सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर,जोन 1 स्ट्रीट 3 A
दुर्ग छत्तीसगढ़
मोबाईल :9408807420

1 Like · 127 Views

You may also like these posts

कहने   वाले   कहने   से   डरते  हैं।
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
कितना धार्मिक
कितना धार्मिक
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
शुभ दिन सब मंगल रहे प्रभु का हो वरदान।
शुभ दिन सब मंगल रहे प्रभु का हो वरदान।
सत्य कुमार प्रेमी
है हुस्न का सौदागर...
है हुस्न का सौदागर...
आकाश महेशपुरी
कोई न सुन सके वह गीत कभी गाया क्या ?
कोई न सुन सके वह गीत कभी गाया क्या ?
Kanchan Gupta
राम सीता लक्ष्मण का सपना
राम सीता लक्ष्मण का सपना
Shashi Mahajan
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
Sarfaraz Ahmed Aasee
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
😊 लघुकथा :--
😊 लघुकथा :--
*प्रणय*
अच्छे समय का
अच्छे समय का
Santosh Shrivastava
🤔🤔🤔
🤔🤔🤔
शेखर सिंह
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
Mamta Singh Devaa
सागर ने जब जब हैं  हद तोड़ी,
सागर ने जब जब हैं हद तोड़ी,
Ashwini sharma
हमें फुरसत कहाँ इतनी
हमें फुरसत कहाँ इतनी
gurudeenverma198
"नजरों का तीर"
Dr. Kishan tandon kranti
मिडल क्लास
मिडल क्लास
Deepali Kalra
फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो;
फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो;
ओसमणी साहू 'ओश'
नारी
नारी
goutam shaw
साथ दीन्हौ सगतीयां, हरदम भेळी आप।
साथ दीन्हौ सगतीयां, हरदम भेळी आप।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
4861.*पूर्णिका*
4861.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
बरसात
बरसात
Swami Ganganiya
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
दोहा छंद
दोहा छंद
Yogmaya Sharma
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
Rituraj shivem verma
*मौका मिले मित्र जिस क्षण भी, निज अभिनंदन करवा लो (हास्य मुक
*मौका मिले मित्र जिस क्षण भी, निज अभिनंदन करवा लो (हास्य मुक
Ravi Prakash
माँ
माँ
संजय कुमार संजू
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
Loading...