3883.*पूर्णिका*
3883.*पूर्णिका*
🌷 चाहा जिसे छोड़ा नहीं🌷
2212 2212
चाहा जिसे छोड़ा नहीं ।
ये मुंह भी मोड़ा नहीं ।।
दिल में यहाँ यूं प्यार है ।
बेहद रखा थोड़ा नहीं ।।
सरपट जहाँ कब दौड़ते ।
तू रेस का घोड़ा नहीं ।।
पीड़ा कहाँ अहसास भी ।
देते दरद फोड़ा नहीं ।।
बांटे यहाँ खेदू खुशी।
हम तो कभी रोड़ा नहीं ।।
………..✍ डॉ खेदू भारती”सत्येश”
8.8.2024शनिवार