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10 May 2024 · 1 min read

3430⚘ *पूर्णिका* ⚘

3430⚘ पूर्णिका
🌹 चाहने से सब मिलती है 🌹
2122 22 22
चाहने से सब मिलती है ।
जिंदगी भी यूं खिलती है ।।

जोर ना जुल्म अपनी ताकत।
देख ले दुनिया हिलती है ।।

भाग्यशाली तो हम होते।
जो यहाँ खुशियांँ फिलती है ।।

मेहनत के दास बने जब ।
मंजिलें मन में ढिलती है ।।

कह कहानी खेदू हरदम ।
बैठ जो घासें छिलती है ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
10-05-2024 शुक्रवार

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