Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

3363.⚘ *पूर्णिका* ⚘

3363.⚘ पूर्णिका
🌹 वक्त बदलते देर नहीं🌹
212 22 22
वक्त बदलते देर नहीं ।
मन महकते देर नहीं ।।
किस्मत में दाना पानी ।
खग चहकते देर नहीं ।।
हसरतें दिल की देखो।
पग बहकते देर नहीं ।।
खाक पल भर में दुनिया।
लुक दहकते देर नहीं ।।
थाम दामन खेदू का।
आश लहकते देर नहीं ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
01-05-2024बुधवार

90 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
मेरी एक बार साहेब को मौत के कुएं में मोटरसाइकिल
मेरी एक बार साहेब को मौत के कुएं में मोटरसाइकिल
शेखर सिंह
प्रदूषण
प्रदूषण
Pushpa Tiwari
पानी
पानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जल बचाओ, ना बहाओ।
जल बचाओ, ना बहाओ।
Buddha Prakash
इम्तिहान
इम्तिहान
Saraswati Bajpai
जागता हूँ क्यों ऐसे मैं रातभर
जागता हूँ क्यों ऐसे मैं रातभर
gurudeenverma198
तुझ से ऐ जालिम
तुझ से ऐ जालिम
Chitra Bisht
" फर्क "
Dr. Kishan tandon kranti
55४ बां प़काश पर्व गुरु नानक देव जी का जन्म दिन
55४ बां प़काश पर्व गुरु नानक देव जी का जन्म दिन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*
*"सीता जी का अवतार"*
Shashi kala vyas
प्रेम के मायने
प्रेम के मायने
Awadhesh Singh
"इस्राइल -गाज़ा युध्य
DrLakshman Jha Parimal
3004.*पूर्णिका*
3004.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिम बसंत. . . .
हिम बसंत. . . .
sushil sarna
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
बेटे का जन्मदिन
बेटे का जन्मदिन
Ashwani Kumar Jaiswal
गम की बदली बनकर यूँ भाग जाती है
गम की बदली बनकर यूँ भाग जाती है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरे कहने का अंदाज ये आवाज दे जाती है ।
तेरे कहने का अंदाज ये आवाज दे जाती है ।
Diwakar Mahto
दर-बदर की ठोकरें जिन्को दिखातीं राह हैं
दर-बदर की ठोकरें जिन्को दिखातीं राह हैं
Manoj Mahato
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
शिव प्रताप लोधी
*जीवन के संघर्षों में कुछ, पाया है कुछ खोया है (हिंदी गजल)*
*जीवन के संघर्षों में कुछ, पाया है कुछ खोया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कागज की कश्ती
कागज की कश्ती
Ritu Asooja
जीवन पथ एक नैय्या है,
जीवन पथ एक नैय्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उस्ताद नहीं होता
उस्ताद नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
शीर्षक – कुछ भी
शीर्षक – कुछ भी
Sonam Puneet Dubey
साजन तुम आ जाना...
साजन तुम आ जाना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सोच रहा अधरों को तेरे....!
सोच रहा अधरों को तेरे....!
singh kunwar sarvendra vikram
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
भाग्य निर्माता
भाग्य निर्माता
Shashi Mahajan
Loading...