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30 Apr 2024 · 1 min read

3352.⚘ *पूर्णिका* ⚘

3352.⚘ पूर्णिका
🌹 देख कहाँ पे अंधेरे है🌹
22 22 22 22
देख कहाँ पे अंधेरे है ।
रौशन कदम जहाँ मेरे है ।।
सच जाने बात यहाँ माने।
जीवन भर रोज सवेरे है ।।
जब दिल से दिल की तार जुड़े।
खुशियों का गजब बसेरे है ।।
ना खेले खेल जज्बातों से ।
सच कहते प्यार घनेरे है ।।
वक्त के साथ चले जो खेदू।
खुद ही मन मंजिल घेरे है ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
30-04-2024मंगलवार

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