3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3326.⚘ पूर्णिका ⚘
🌹 कुछ भी नहीं मिलता यहाँ🌹
2212 2212
कुछ भी नहीं मिलता यहाँ ।
साथी नहीं मिलता यहाँ ।।
मन मारते यूं हारते।
दिलवर नहीं मिलता यहाँ ।।
सब खेल ही बस खेलते।
नादां नहीं मिलता यहाँ ।।
रोते हुए बीते समय।
अपना नहीं मिलता यहाँ ।।
दिन रात सच खेदू लगे।
कोई नहीं मिलता यहाँ ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
25-04-2024गुरुवार