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24 Apr 2024 · 1 min read

3320.⚘ *पूर्णिका* ⚘

3320.⚘ पूर्णिका
🌹 कुछ बातें समझ नहीं आती🌹
22 22 22 22
कुछ बातें समझ नहीं आती ।
सौगातें समझ नहीं आती ।।
रखते पांव जमीं पर हरदम ।
औकातें समझ नहीं आती ।।
दिन की आदत होती है जब
यूं रातें समझ नहीं आती ।।
नेकी से खुशियों की बारिश।
बरसातें समझ नहीं आती ।।
दुनिया पागल कहती खेदू।
नवगातें समझ नहीं आती ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
24-04-2024बुधवार

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