3314.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3314.⚘ पूर्णिका ⚘
🌹 चाहत समझते हैं🌹
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चाहत समझते हैं ।
राहत समझते हैं ।।
दुनिया साथ देखी।
आहत समझते हैं ।।
बुझदिल नासमझ भी ।
शामत समझते हैं ।।
रहते देख दिल में ।
दावत समझते हैं ।।
फोकट आज खेदू।
लागत समझते हैं ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
24-04-2024बुधवार