3293.*पूर्णिका*
3293.*पूर्णिका*
🌷 जान लो तुम हम एरे गेरे नहीं है 🌷
2122 22 22 2122
जान लो तुम हम एरे गेरे नहीं है ।
सोच में अपना तेरे मेरे नहीं है ।।
प्यार के हम तो है राही प्यार करते।
जिंदगी भी कुरबान, सिरफिरे नहीं है ।।
दूर सारी तकलीफें होती यकीं से।
बस उजाले भरते अंधेरे नहीं है ।।
साथ चलते वक्त भी हरदम किस्मत बदले।
बोल आज कहाँ नेक सबेरे नहीं है।।
ख्वाब अपना तो है खेदू खूबसूरत।
देखते सुनते अंधे बहरे नहीं है ।।
………..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
20-04-2024शनिवार