3288.*पूर्णिका*
3288.*पूर्णिका*
🌷 गम में भी दिल को खुश रखते 🌷
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गम में भी दिल को खुश रखते।
कुछ करने की ख्वाहिश रखते।।
धड़कन है समझ जज्बातों में ।
दुनिया हो मस्त कोशिश रखते।।
रोज जुल्म सितम ढ़ाते आदम।
जैसे बादल बारिश रखते।।
मतलब न सधे ये बात कहाँ ।
दोस्त कहीं तो साजिश रखते।।
मुहब्बत की महक जहाँ खेदू।
दीवाना देख कशिश रखते ।।
………..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
18-04-2024गुरुवार