3286.*पूर्णिका*
3286.*पूर्णिका*
🌷 जिंदगी बन जाते कोई यहाँ 🌷
2122 22 2212
जिंदगी बन जाते कोई यहाँ ।
थाम दामन जाते कोई यहाँ ।।
प्यार की बगियां हरदम महकती।
धड़कनें बन जाते कोई यहाँ ।।
यूं जज्बातों का करते सच कदर ।
मीत भी बन जाते कोई यहाँ ।।
ये पत्थर दिल भी देखो पिघलते।
रहनुमा बन जाते कोई यहाँ ।।
फूल राहों पर खेदू बिछ्ते चले ।
देख जां बन जाते कोई यहाँ ।।
…………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
18-04-2024गुरुवार