3279.*पूर्णिका*
3279.*पूर्णिका*
🌷 साथी बन जाता है कोई 🌷
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साथी बन जाता है कोई ।
साथ निभा जाता है कोई।।
जीने का रोज जज्बा देते।
राह दिखा जाता है कोई।।
रोती है ये दुनिया हरदम।
सच हँसा जाता है कोई ।।
सबमें होती है कुछ खामी।
नेक बना जाता है कोई।।
चाहत से ही मंजिल खेदू।
देख दिला जाता है कोई।।
……..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
15-04-2024सोमवार