3276.*पूर्णिका*
3276.*पूर्णिका*
🌷 साथ निभाने का नाटक करते हैं 🌷
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साथ निभाने का नाटक करते हैं ।
अपने होने का नाटक करते हैं ।।
करके वादा जाते यूं मुकर यहाँ ।
प्यार जताने का नाटक करते हैं ।।
देखो जो दिखता है वो बिकता है।
काम बनाने का नाटक करते हैं ।।
जोंक बने बैठे चूसे खून जहाँ ।
रंग जमाने का नाटक करते हैं ।।
दिल छलनी कर जाते संभल खेदू।
जंग जिताने का नाटक करते हैं ।।
…….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
14-04-2024रविवार