Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2024 · 1 min read

3274.*पूर्णिका*

3274.*पूर्णिका*
🌷 कुदरत बदल जाती है 🌷
22 212 22
कुदरत बदल जाती है ।
फितरत बदल जाती है ।।
दुनिया है बड़ी जालिम।
हसरत बदल जाती है ।।
मतलब कब कहाँ देखो।
कसरत बदल जाती है ।।
करते बेवफाई कुछ ।
नुसरत बदल जाती है ।।
पाकर ओहदा खेदू ।
इशरत बदल जाती है ।।
……….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
14-04-2024रविवार

82 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किस जरूरत को दबाऊ किस को पूरा कर लू
किस जरूरत को दबाऊ किस को पूरा कर लू
शेखर सिंह
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
The News of Global Nation
*
*"मुस्कराहट"*
Shashi kala vyas
हम उफ ना करेंगे।
हम उफ ना करेंगे।
Taj Mohammad
खालीपन
खालीपन
करन ''केसरा''
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
गीत - इस विरह की वेदना का
गीत - इस विरह की वेदना का
Sukeshini Budhawne
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जिस दिन राम हृदय आएंगे
जिस दिन राम हृदय आएंगे
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
मेरा वजूद क्या
मेरा वजूद क्या
भरत कुमार सोलंकी
घरौंदा
घरौंदा
Dr. Kishan tandon kranti
न जाने  कितनी उम्मीदें  मर गईं  मेरे अन्दर
न जाने कितनी उम्मीदें मर गईं मेरे अन्दर
इशरत हिदायत ख़ान
#कामयाबी
#कामयाबी
Radheshyam Khatik
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
“तुम हो तो सब कुछ है”
“तुम हो तो सब कुछ है”
DrLakshman Jha Parimal
3991.💐 *पूर्णिका* 💐
3991.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हर हक़ीक़त को
हर हक़ीक़त को
Dr fauzia Naseem shad
स्त्री न देवी है, न दासी है
स्त्री न देवी है, न दासी है
Manju Singh
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
Ranjeet kumar patre
थोड़ा सा आसमान ....
थोड़ा सा आसमान ....
sushil sarna
#सम_सामयिक
#सम_सामयिक
*प्रणय*
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
Suryakant Dwivedi
भोर सुनहरी
भोर सुनहरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सिंह सा दहाड़ कर
सिंह सा दहाड़ कर
Gouri tiwari
वृक्षों की भरमार करो
वृक्षों की भरमार करो
Ritu Asooja
नील पदम् के दोहे
नील पदम् के दोहे
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Narakasur Goa
Narakasur Goa
Sonam Puneet Dubey
🌱कर्तव्य बोध🌱
🌱कर्तव्य बोध🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
वीणा-पाणि वंदना
वीणा-पाणि वंदना
राधेश्याम "रागी"
एक वक्त था जब मंदिर ने लोग आरती में हाथ जोड़कर और माथा झुकाक
एक वक्त था जब मंदिर ने लोग आरती में हाथ जोड़कर और माथा झुकाक
पूर्वार्थ
Loading...