3269.*पूर्णिका*
3269.*पूर्णिका*
🌷 चाहत तो चाहत होती है 🌷
22 22 22 22
चाहत तो चाहत होती है ।
राहत की चाहत होती है ।।
दुनिया महके हरपल अपनी।
जीने की चाहत होती है ।।
साथ निभाए साथी बनके।
बस दिल की चाहत होती है ।।
कांटे भी फूल बने सच में ।
ये सबकी चाहत होती है ।।
मुहब्बत में मुहब्बत है खेदू।
मुहब्बत की चाहत होती है ।।
…….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
12-04-2024शुक्रवार