3267.*पूर्णिका*
3267.*पूर्णिका*
🌷 जो भी होगा हम देखेंगे 🌷
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जो भी होगा हम देखेंगे।
सारी दुनिया हम देखेंगे।।
पथ भी पथरीले पथिक यहाँ ।
बढ़ते रहना हम देखेंगे।।
सागर की नापे गहराई ।
पैमाना क्या हम देखेंगे।।
अपनी तो है पहचान बहुत।
आते वक्त भी हम देखेंगे ।।
ठाना हमने मन से खेदू।
काम बनेगा हम देखेंगे ।।
…….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
12-04-2024शुक्रवार