3254.*पूर्णिका*
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3254.*पूर्णिका*
🌷 इंसाफ की डगर चलते रहे 🌷
2212 212 212
इंसाफ की डगर चलते रहे ।मंजिल रख नजर चलते रहे ।।
दुनिया नहीं बदलती किस्मत को ।
खुद छोड़ते कसर चलते रहे ।।
बढ़ते कदम जिंदगी भर यहाँ ।
आगे बढ़े सफर चलते रहे ।।
बस मेहनत आज पहचान है ।
सुंदर गुजर बसर चलते रहे ।।
चाहत नयी राह खेदू मगन ।
देखो खड़े शजर चलते रहे ।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
10-04-2024बुधवार