3245.*पूर्णिका*
3245.*पूर्णिका*
🌷 मेरे मीत तुम बन गए🌷
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मेरे मीत तुम बन गए ।
सुंदर गीत तुम बन गए ।।
अपनी जिंदगी के हिस्से।
सच मंजीत तुम बन गए ।।
देखे ख्वाब थे जो यहाँ ।
यूं नवनीत तुम बन गए ।।
हरदम ये खुशी बस मिले।
सुर संगीत तुम बन गए ।।
रखते कदम खेदू जहाँ।
दिल की प्रीत तुम बन गए ।।
……..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
08-04-2024सोमवार