3239.*पूर्णिका*
3239.*पूर्णिका*
🌷 भाग्य से ही मिलता है सब🌷
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भाग्य से ही मिलता है सब।
चाह से ही मिलता है सब ।।
देख मंजिल कहती अपनी ।
जिंदगी में मिलता है सब ।।
तालमेल जहाँ हो देखो।
काम बनते मिलता है सब ।।
बदल जाते दुनिया सुंदर।
सोच से ही मिलता है सब ।।
फूल खिलते दामन खेदू।
राह चलके मिलता है सब ।।
…….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
06-04-2024शनिवार