3238.*पूर्णिका*
3238.*पूर्णिका*
🌷 हँस के साथ निभाना है🌷
2122 22 22
हँस के साथ निभाना है ।
रोज बस बढ़ते जाना है ।।
पांव चूमे मंजिल अपनी।
यार अपना याराना है ।।
जिंदगी अपनी प्यारी-सी ।
चमन बनके महकाना है ।।
आज दुनिया देखो न्यारी ।
नेक जन अपना जाना है ।।
प्यार करते दिल से खेदू ।
आज इतिहास रचाना है ।।
……..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
06-04-2024शनिवार