Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 1 min read

3227.*पूर्णिका*

3227.*पूर्णिका*
🌷 बदल जाते अपने स्वभाव को🌷
2122 22 1212
बदल जाते अपने स्वभाव को ।
दूर करते अपने अभाव को ।।
बात कुछ तो होती अलग यहाँ ।
जान जाते अपने लगाव को ।।
एक होने का भाव जिंदगी।
बस मिटाते अपने दुराव को।।
लोग सच होते किस्मत के धनी ।
मानते धन्य अपने चुनाव को ।।
पाक दामन खेदू रखे जहाँ ।
नेक जाने अपने प्रभाव को ।।
……..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
02-04-2024मंगलवार

100 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ओ पथिक तू कहां चला ?
ओ पथिक तू कहां चला ?
Taj Mohammad
आज रविवार है -व्यंग रचना
आज रविवार है -व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
एक भ्रम जाल है
एक भ्रम जाल है
Atul "Krishn"
उकेर गई
उकेर गई
sushil sarna
2831. *पूर्णिका*
2831. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
In the midst of a snowstorm of desirous affection,
In the midst of a snowstorm of desirous affection,
Chaahat
.हिदायत
.हिदायत
shabina. Naaz
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
तुम आ जाते तो उम्मीद थी
VINOD CHAUHAN
रूपगर्विता
रूपगर्विता
Dr. Kishan tandon kranti
टूट गया हूं शीशे सा,
टूट गया हूं शीशे सा,
Umender kumar
रिश्ते के सफर जिस व्यवहार, नियत और सीरत रखोगे मुझसे
रिश्ते के सफर जिस व्यवहार, नियत और सीरत रखोगे मुझसे
पूर्वार्थ
नशा के मकड़जाल  में फंस कर अब
नशा के मकड़जाल में फंस कर अब
Paras Nath Jha
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आत्मनिर्भर नारी
आत्मनिर्भर नारी
Anamika Tiwari 'annpurna '
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
satish rathore
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
शख्सियत ही कुछ ऐसी है,
शख्सियत ही कुछ ऐसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कसूर किसका
कसूर किसका
Swami Ganganiya
"समय का महत्व"
Yogendra Chaturwedi
क
*प्रणय*
मोह
मोह
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
Khaimsingh Saini
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
कवि रमेशराज
You lived through it, you learned from it, now it's time to
You lived through it, you learned from it, now it's time to
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
Bidyadhar Mantry
कंटक जीवन पथ के राही
कंटक जीवन पथ के राही
AJAY AMITABH SUMAN
जो लोग धन धान्य से संपन्न सामाजिक स्तर पर बड़े होते है अक्सर
जो लोग धन धान्य से संपन्न सामाजिक स्तर पर बड़े होते है अक्सर
Rj Anand Prajapati
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
Dr fauzia Naseem shad
*राखी का धागा एक बॅंधा, तो प्रिय पावन संबंध जुड़ा (राधेश्याम
*राखी का धागा एक बॅंधा, तो प्रिय पावन संबंध जुड़ा (राधेश्याम
Ravi Prakash
Loading...