3224.*पूर्णिका*
3224.*पूर्णिका*
🌷 सपनों को आकार देते🌷
22 22 2122
सपनों को आकार देते।
कुदरत भी उपहार देते।।
चाहत पूरी रोज होती ।
देखो सब बाजार देते ।।
नेकी का जो सोच रखते।
सुंदर सा संसार देते।।
जीवन बगियां महक उठती ।
हरदम साथी प्यार देते।।
दामन अपना आज खेदू।
जीने का आधार देते।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
02-04-2024मंगलवार