3211.*पूर्णिका*
3211.*पूर्णिका*
🌷 अपनी होगी जीत रे🌷
22 22 212
अपनी होगी जीत रे।
कहता है दिल मीत रे।।
पाना खोना जिंदगी।
ये दुनिया की रीत रे।।
अपना सुंदर दामन।
देख सच्ची है प्रीत रे।।
खुशियां बांटे नेकिया।
हरदम गाते गीत रे।।
मनमोहक है ये जहाँ
भाव यहाँ नवनीत रे।।
मौसम खेदू खुशनुमा ।
मधुर बजे संगीत रे।।
……..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
30-03-2024शनिवार