3195.*पूर्णिका*
3195.*पूर्णिका*
🌷 पा लेंगे मंजिल यहाँ🌷
22 22 212
पा लेंगे मंजिल यहाँ ।
देख हिम्मत शामिल यहाँ ।।
राह बनाते जिंदगी।
करते सब तामिल यहाँ ।।
दरिया के पार हम ।
साथी भी साहिल यहाँ ।।
खून पसीना एक कर ।
सपनें यूं हासिल यहाँ ।।
बगीयां खेदू प्यार के।
रहते हम खिल खिल यहाँ ।।
…………✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
27-03-2024बुधवार