3191.*पूर्णिका*
3191.*पूर्णिका*
🌷 राह बना कर चलती दुनिया🌷
22 22 22 22
राह बनाकर चलती दुनिया।
साथ मिलाकर चलती दुनिया।।
बगियां महके ये जीवन की।
सच महका कर चलती दुनिया ।।
बदले यूं सुंदर सोच यहाँ ।
साज सजाकर चलती दुनिया।।
खुशियाँ बांटे दिल से देखो ।
काज थमाकर चलती दुनिया।।
कहते अपना सब दर्द खेदू ।
भेद मिटा कर चलती दुनिया।।
……..✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
26-03-2024मंगलवार