3181.*पूर्णिका*
3181.*पूर्णिका*
🌷 जोड़ घटाना करते रहते🌷
22 22 22 22
जोड़ घटाना करते रहते।
पाठ रटाना करते रहते ।।
लाख उपाय करें ये दुनिया।
शीश कटाना करते रहते ।।
बदल नहीं पाते सोच यहाँ ।
धूल चटाना करते रहते।।
पांवों में बेड़ी बांधे सब ।
लोग पटाना करते रहते ।।
जीवन महकाते हैं खेदू।
काम जुटाना करते रहते ।।
…….✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
25-03-2024सोमवार